mithila ki beti ne aasman ki uchai maap liya

kiran kri / समस्तीपुर
19 जून 2016

इतिहास याद करेगा भावना जैसी बेटियां को
भावना के पिता तेज नारायण कंठ को विश्वास था की बेटिया एक दिन गांव की ही नहीं बल्कि समूचे बिहार का नाम रौशन करेगी। उन्होंने अपने पिता के सपने को सच कर दिया।

उनके पिता को अपने परवरिश पर आज नाज़ हो रहा है।

भावना बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी। भावना का जनम दरभंगा जिले के बाउर गांव में हुआ था।

भावना की इस उपलब्धि पर पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम साहब के दोस्त व रक्षा वैज्ञानिक मानव बिहारी वर्मा समेत चाचा मुकुल बिहारी वर्मा तथा ग्रामीण काफी खुश है। भावना के पिता इंडियन आयल कारपोरेशन में अधिकारी है।

माँ पिता व बेटियां सभी ने अपना फ़र्ज़ अदा किया।
एक और जहां एक बचचा के लिए बिहार बदनाम हो रहा है वही एक भावना को लेकर बिहार गौरवान्वित हो रहा है। जय बिहार। अपना बिहार।

लघु सिचाई कर्मचारी संघ का राज्य सम्मलेन

लघु सिचाई कर्मचारी संघ का राज्य सम्मलेन संपन्न

मुकेश कुमार/पवन कुमार
टीम बिहार वन / समस्तीपुर
लघु सिचाई कर्मचारी संघ का ८ वा दो दिवसीय राज्य सम्मलेन 11 जून 2016 को बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भवन समस्तीपुर में प्रारम्भ हुआ।कार्यक्रम का सुभारम्भ शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित कर किया गया। तथा शहर में ३८ जिलों के 300 से अधिक प्रतिनिधि सिरकत करने पहुंचे है.अखिल भारतीय अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के मंजुल कुमार दास ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा की लघु सिचाई बिभाग के सभी बंद पड़े नलकूपों को अविलम्ब चालू करवाना चाहिए उन्होंने कहा की राज्य सरकार के द्वारा हज़ारो की संख्या में जो कर्मियों की छटनी की गयी थी उसे फिर से बहल किया जय. श्री दस ने सरकार की नयी पेंशन नित्य पर हमला करते हुए कहा की आगामी २ सितम्बर को पुरे देश भर में इस नित्य के विरोध में हरताल किया जायेगा.

G . Rohini Bani Delhi High Court Ki 1st Womens Chief Justice

G . Rohini Bani Delhi High Court Ki 1st Womens Chief Justice
Biharone Team

G . Rohini Andhra pradesh ke Vishakhapatnam me 14 april 1955 ko inka janam hua. 1976 me Science Graduate hone ke baad kanoon me carreir banane ka faishala kiya. wisakhapatnam se collage of law mse llb kiya 18 decamber 1980 ko advocate ke rup me ragistration liya. aandhrapradesh state bar council se tatkalin chairmen koka raghaw rao ke office se jur gayi. yaha yanhe law journalism se jurne ka bara mouka mila we andhra pradesh law ganrals ki reporter ban gayi . koka raghaw rao law ganrals ke sansthapak chief editor bane. Rohini ko karyakari editor banaya . we wakalat ki jyada praktics andhrapradesh high court ki Administrative Tribunal aur civil me karti thi .

filhaal we andhra pradesh judicial acadmy ki chairperson hai.kuchh samay pahle tak we juwenial justics commitee me rah chuki hai . we andhrapradesh state legal servics Authority ke pramukh bhi rahi hai . Andhra pradesh ki judge hone ke nate wah surkhiyo me tab aayi jab khanan ghotale me aaropit karnatak ke bare neta G. Janardan Readdy ki company ko khadan leese par dene ke sarkar ke faishale ko unhone hi rok laga di thi.

Andhra Pradesh ki purwa nagariya prashasan aur sahri vikash mantri  M. Mahidhar Readdy aur purwa Bidhayak Shahjaha basa par aay se adhik ki sampati ekkatha karne ke aarope ke mamlo me sunwai bhi unhi ki court me hui thi

Ab wo Delhi High Court ki pahli Mahila Chief Justice  bani .Misses Rohni  You are Proud Of Empowerment Women in India.

बिहार में भी उद्यमिता की संस्कृति की स्थापना करने की जरूरत

बिहार में भी उद्यमिता की संस्कृति की स्थापना करने की जरूरत

बिहार वन न्यूज़ वेब टीम /राम बालक राय

मिथिलांचल का एतिहासिक विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेन्द्र मोहन झा ने कहा कि नौकरी से कोई भी व्यक्ति अपना जीवन यापन तो कर सकता है लेकिन वह कभी उच्च  धनवान कि श्रेणी में नहीं आ सकता.जरुरत है उद्यमिता को समझने का और उसपर अमल करने का । यह बात खासकर युवाओ के लिये नोटिस लेने वाली बाते है.

उपर्युक्त बाते वे यु जी सी द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम  दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में कही। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से गुजरात तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में उद्यमिता की संस्कृति है उसी तरह से बिहार में भी उद्यमिता की संस्कृति की स्थापना करने की जरूरत है। उद्यमिता के कानून में भी लचीलापन लाना होगा। तभी जाकर बिहार की आर्थिक स्थिति सुद्वढ़ होगी। वर्तमान में समाज में भी उद्यमिनता के प्रति नजरिया में परिवर्तन लाना होगा।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए ललित नारायण मिथिला विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है जब युवाओं को रोजगार के लिए भटकना नहीं चाहिए बल्कि अपनी क्षमता का विकास कर दूसरे को रोजगार मुहैया करने वाला बनना होगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आगे भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे। इस तरह के आयोजन से ज्ञान का आदान-प्रदान होता है। छात्रों तथा शिक्षकों के ज्ञान में गुणात्मक वृद्घि होती है।

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि विष्वविद्यालय का समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी होती है। जिसके तहत सिर्फ ज्ञान ही नहीं देना होता है बल्कि आगे आप क्या करेंगे इसकी राह दिखाना भी उनका कर्त्तव्य होता है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय छात्रों के चौमुखी विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। चाहे वह शैक्षणिक गतिविधि हो या खेल-कूद। हर क्षेत्र में लगातार गतिविधि हो रही है। यह विश्वविद्यालय के लिए सुखद है।

समापन सत्र में तकनीकि क्षेत्र में हुए चर्चाओं की भी चर्चा हुई। प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया। दो दिवसीय सम्मेलन में कहा गया कि उद्यमिता को क्षेत्र के आधार पर विकसित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। बहुत से छोटे तथा मझौले व्यवसासी बहुत जल्द ही दम तोड़ देते हैं । राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक जैसे विभिन्न पहलू को इसके अनुकूल बनाने की दिषा में प्रयास करने की जरूरत है। जिससे उद्यमिता सही मायने में धरातल पर विकसित होता दिखायी दे। कार्यक्रम में संयोजक सचिव व विभागाध्यक्ष प्रो बीबीएलदास, डॉ. आषीष कुमार डॉक्टर ईडी प्रसाद आदि थे .

व्यक्ति विशेष : नीतीश कुमार

वन  न्यूज़ लाइव वेब डेस्क।  नीतीश कुमार का जन्म हरनौत में हुआ (कल्याण बिगहा), बिहार के नालंदा जिले कबीर राम लखन सिंह और परमेस्वरी देवी को जन्म देते हैं। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिन्हा के करीब थे। उनके पिता, जो एक आयुर्वेदिक वैद्यराज थे। उन्हें 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री मिली, (अब एनआईटी पटना)। वह बिहार राज्य बिजली बोर्ड में शामिल हुए, आधे मन से, और बाद में राजनीति में चले गए। और आज की तारीख में ईमानदारी पूर्वक एक कुशल राजनेता, जो बेवजह किसी पर टिप्पणी से बचते हैं।
नीतीश कुमार एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो बिहार के मुख्य मंत्री हैं, 2017 के बाद से पूर्वी भारत में एक राज्य है। इससे पहले उन्होंने 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री और 2015 से 2017; उन्होंने भारत सरकार के एक मंत्री के रूप में भी सेवा की। वह जनता दल यू राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं। उन्होंने खुद को बिहारीओं के साथ मिलकर पिछली सरकारों से कम उम्मीदों का सामना किया, जब मुख्यमंत्री के रूप में, उनकी समाजवादी नीतियों ने 100,000 से अधिक स्कूल शिक्षकों को नियुक्त करने में लाभांश दिया, यह सुनिश्चित करना कि डॉक्टर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करते हैं, गांवों के विद्युतीकरण, सड़कों पर, आधे से मादा निरक्षरता को काटने, अपराधियों पर टूटकर और औसत बिहारी की आय को दोगुना करके एक अराजक अवस्था में बदल दिया। उस अवधि के लिए अन्य राज्यों की तुलना में मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बिहार के जीडीपी का संचयी विकास दर सर्वोच्च है।
17 मई 2014 को उन्होंने भारतीय आम चुनाव, 2014 में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी संभालने से इस्तीफा दे दिया और वह जीतन राम मांझी के पद पर रहे। हालांकि, वह बिहार में राजनीतिक संकट से फरवरी 2015 में कार्यालय में लौट आया और नवंबर 2015 कीबिहार विधान सभा चुनाव,२०१५ जीता।वह10 अप्रैल 2016 को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुएS। 2019 के आगामी चुनाव में सहित कई राजनेताओं लालू यादव, तेजसवी यादव और अन्य ने भारत में प्रधान मंत्री पद के लिए उन्हें प्रस्तावित किया हालांकि उन्होंने ऐसी आकांक्षाओं से इनकार किया है उन्होंने 26 जुलाई, 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में गठबंधन सहयोगी आरजेडी के बीच मतभेद के साथ फिर से इस्तीफा दे दिया था, सीबीआई द्वारा एफआईआर में उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के नामकरण के कारण। कुछ घंटे बाद, वह एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए, जो इस प्रकार अब तक विरोध कर रहे थे, और विधानसभा में बहुमत हासिल कर लेते थे, अगले दिन ही मुख्यमंत्री पद का त्याग कर रहे थे।

S&P ने नहीं किया भारत की रेटिंग में कोई बदलाव, कबाड़ की स्थिति से एक पायदान ऊपर है भारत

जानी – मानी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने आज भारतीय अर्थव्यवस्था पर जारी रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया. एजेंसी ने पिछले साल की रेटिंग को कायम रखा है. एसएंडपी रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को स्थिर  के साथ बीबीबी- पर कायम रखा है. एस एंड पी के मुताबिक भारत की जीडीपी वृद्धि मजबूत है, बाह्य एवं मौद्रिक साख में सुधार है, लेकिन इसके साथ ही उसकी प्रति व्यक्ति आय कम बनी हुई है और कर्ज का बोझ ऊंचा है.

बीबीबी रेटिंग कबाड़ की स्थिति से एक स्थान ऊपर होती है. एसएंडपी ने कहा, रेटिंग को ऊपर की ओर ले जाने का दबाव तब बनता है जबकि सरकार के सुधारों से उसकी वित्तीय स्थिति उल्लेखनीय रुप से सुधर जाए और सरकार के कर्ज का शुद्ध बोझ कम हो जाए. इसके अलावा यदि भारत का विदेशी खाता भी उल्लेखनीय रुप से सुधरता है तो रेटिंग में सुधार की स्थिति बनती है. वहीं जीडीपी वृद्धि दर निराशाजनक रहने, सरकार के घाटे में बढ़ोतरी या सुधार एजेंडा को आगे बढाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से रेटिंग को नीचे की ओर लाने का दबाव बनता है.

एस एंड पी ने कहा कि भारत की मजबूत जीडीपी वृद्धि और बेहतर मौद्रिक साख इसकी मजबूती है. इसके साथ ही भारत के मजबूत लोकतांत्रिक संस्थान और उसका स्वतंत्र मीडिया नीतियों में स्थिरता और सुलह-सफाई को बढ़ावा देता है. इससे उसकी रेटिंग को भी समर्थन मिला है. लेकिन भारत की कम प्रति व्यक्ति आय और अपेक्षाकृत ऊंचा सरकारी कर्ज उसकी मजबूती के समक्ष उसे संवेदनशील बना देता है.

गौरतलब है कि इससे पहले एजेंसी मूडीज ने भारत की सोवरिन रेटिंग ‘बीएए3’ से सुधारकर ‘बीएए2’ कर दी है. मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था को सकरात्मक से स्थिर बताया था. मूडीज के बाद भारत की निगाहें एस एंड पी की रेटिंग पर टिकी हुई थी. मोदी सरकार के लिए इसे एक झटका के रूप में देखा जा रहा है.

एस एंड पी ने रिपोर्ट में लिखा है कि भारत में 70 प्रतिशत सरकारी बैंक हैं. वहीं मात्र 30 प्रतिशत निजी बैंक है. निजी बैंकों का मुनाफा और कैपिटल जेनरेशन अच्छी स्थिति में है. सरकारी बैंकों की हालत निजी बैंकों की तुलना में बेहद खराब है. सरकारी बैंकों की हालत में सुधार के लिए 30 बिलीयन डॉलर निवेश की जरूरत है. एस एंड पी ने रिजर्व बैंक के कामकाज की सराहना की और कहा कि मुद्रास्फिती के दर में काफी संतुलन देखा गया है.

प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने रेटिंग में बदलाव नहीं करने को कुछ अनुचित करार दिया. सान्याल ने कहा, निम्न प्रति व्यक्ति आय हमारी कर्ज चुकाने की क्षमता या हमारी कर्ज चुकाने की इच्छा को परिलक्षित नहीं करता है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एसएंडपी ने सतर्कता बरती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि एजेंसी अगले साल भारत की रेटिंग में सुधार करेगी. उन्होंने कहा कि हम निराश नहीं हैं लेकिन हमें उम्मीद थी कि एसएंडपी इस बात को संज्ञान में लेगी कि सरकार ने क्या किया है. रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ऐतिहासिक रुप से देखा जाए तो एसएंडपी द्वारा अधिक संकीर्ण रख अपनाया जाता है और वह मूडीज के पीछे-पीछे चलती है. जनवरी, 2007 में एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को बीबी प्लस से स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- किया था.

 

मूडीज ने जब 17 नवंबर को भारत की सॉवरेन रेटिंग को सुधारकर बीएए2 किया था तो सरकार ने इस मौके को भुनाते हुए कहा कि यह उसके द्वारा किए जा रहे सुधारों को देरी से दी गई मान्यता है. यह रेटिंग उन्नयन जनवरी, 2004 के बाद पहली बार किया गया है. इससे भारत अब फिलिपींस और इटली जैसे देशों के समकक्ष आ गया है. अगस्त, 2006 में फिच रेटिंग्स ने भारत की रेटिंग को बीबी प्लस से स्थिर परिदृश्य के साथ निवेश ग्रेड वाली बीबीबी – किया था. मूडीज ने 2015 में भारत के रेटिंग परिदृश्य को स्थिर से सकारात्मक किया था. मूडीज द्वारा 17 नवंबर को भारत की रेटिंग में सुधार से पहले विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत ने 30 पायदान की छलांग लगाई थी और वह 100वें स्थान पर पहुंच गया. एसएंडपी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार देश की वृद्धि के रास्ते की विभिन्न अडचनों को दूर कर कई सुधारों के रास्ते पर आगे बढने में सफल रही है

पिछले साल स्टैंडर्स एंड पुअर्स ने भारत की रेटिंग में क्या कहा था
पिछले साल ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्स एंड पुअर्स ने भारत की रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया था. एसएंडपी ने भारत की रेटिंग को स्टेबल आउटलुक के साथ बीबीबी माइन्सी/ए-3, (बीबीबी -) रखी थी. एजेंसी ने पिछले साल जारी रेटिंग में कहा था. भारत के लिए रेटिंग में दो साल के दौरान कोई बदलाव होने की उम्मीद कम है.

jane ujiyar ke angarghat ko

 jane Angar Population – Samastipur, Bihar

 Post by Ram Balak Roy

Angar is a large village located in Ujiarpur of Samastipur district, Bihar with total 1299 families residing. The Angar village has population of 6955 of which 3700 are males while 3255 are females as per Population Census 2011.

In Angar village population of children with age 0-6 is 1423 which makes up 20.46 % of total population of village. Average Sex Ratio of Angar village is 880 which is lower than Bihar state average of 918. Child Sex Ratio for the Angar as per census is 900, lower than Bihar average of 935.

Angar village has lower literacy rate compared to Bihar. In 2011, literacy rate of Angar village was 55.87 % compared to 61.80 % of Bihar. In Angar Male literacy stands at 64.79 % while female literacy rate was 45.68 %.

As per constitution of India and Panchyati Raaj Act, Angar village is administrated by Sarpanch (Head of Village) who is elected representative of village.

Angar Data

Particulars Total Male Female
Total No. of Houses 1,299
Population 6,955 3,700 3,255
Child (0-6) 1,423 749 674
Schedule Caste 1,214 633 581
Schedule Tribe 3 1 2
Literacy 55.87 % 64.79 % 45.68 %
Total Workers 1,995 1,723 272
Main Worker 997 0 0
Marginal Worker 998 785 213

रविराज फोइल्स लिमिटेड,चपरासी और गार्ड की नौकरी तक करने वालों खाते में है करोड़

भारत में है एक कंपनी, जहां चपरासी से लेकर अधिकारी हैं करोड़पति!

गुजरात की एक कंपनी में लगभग सारे कर्मचारी करोड़पति हैं. तस्वीर प्रतीकात्मक है.

  1. अहमदाबाद के साणंद में है रविराज फोइल्स लिमिटेड
  2. यहां 300 कर्मचारी करते हैं काम, जिसमें 150 लोग हैं करोड़पति
  3. चपरासी और गार्ड की नौकरी तक करने वालों खाते में है करोड़ रुपए

गुड्ज एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की खबरों से

अगर आप ऊब गए हैं तो ये खबर आपको थोड़ा सूकुन दे सकती है. भारत के अहमदाबाद में एक ऐसी कंपनी है जहां कर्मचारियों की सैलरी 10 से 20 हजार रुपए के बीच है, लेकिन सभी करोड़पति हैं. यह बात आपको थोड़ी अटपटी लग सकती है लेकिन यह सौ फीसदी सच है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी रविराज फोइल्स लिमिटेड गुजरात स्थित अहमदाबाद के साणंद में है. दिलचस्प बात यह है कि यहां मजदूरी तक करने वाले कर्मचारियों के खाते में करोड़ रुपए हैं. अब आप सोच रहे हैं होंगे भला ऐसा कैसे हो सकता है. या आप आप सोच रहे होंगे कि बैंक की गलती से शायद कुछ देर के लिए यहां के कर्मचारियों के खाते में करोड़ रुपए ट्रांसफर हो गए होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है.

दरअसल, रविराज फोइल्स लिमिटेड कंपनी ने अहमदाबाद में फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था. कंपनी ने तय वादे के मुताबिक जिन लोगों की जमीन ली थी उन्हें अपनी फैक्ट्री में नौकरी भी दी है. जमीन अधिग्रहण में मुआवजे के तौर पर गांव के लोगों को करोड़ों रुपए मिले हैं. साथ ही वे अपनी योग्यता के आधार पर इस फैक्ट्री में सुपरवाइजर, सिक्योरिटी गार्ड, फोन मैन, मजदूर आदि की नौकरी भी करते हैं. इस फैक्ट्री में 300 कर्मचारी काम करते हैं, जिसमें करीब 150 के बैंक खाते में करोड़ से ज्यादा रुपए हैं.

इस इलाके में गुजरात सरकार ने चार हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था, जिसके लिए 2000 करोड़ रुपए का भगुतान किया गया है. रविराज फोइल्स के प्रबंध निदेशक जयदीपसिंह वाघेला का कहना है कि इस इलाके में लोगों के पास आमदनी का दूसरा श्रोत नहीं है. कंपनी ने अपने वादे के मुताबिक जिन लोगों की जमीन ली थी उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी पर रखा है.

उदाहरण के तौर पर रविराज फोइल्स में मशीन ऑपरेटर की नौकरी करने वाले धर्मेंद्र सिंह वाघेला की सैलरी 15 हजार रुपए प्रति महीना है, पर उनके बैंक खाते में करीब 2 करोड़ रुपए हैं. इसके अलावा जगदीश राठौड़ को स्टोर असिस्टेंट की नौकरी के लिए 12 हजार रुपए हर महीने मिलते हैं, लेकिन उनके खाते में करीब डेढ़ करोड़ रुपए हैं. इसी तरह स्टोरकीपर नरेंद्र सिंह बराड की सैलरी 11 हजार रुपए है, जबकि उन्हें जमीन बेचने पर करीब चार करोड़ रुपए मिले हैं. लगभग सारे करोड़पति कामगारों ने पैसों को बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट करवा रखा है. ब्याज से उनके परिवार का खर्च चलता है और नौकरी के पैसे अन्य जरूरतें पूरी होती हैं. यह कंपनी 2013 में शुरू हुई थी, लगभग सारे कर्मचारी तभी से यहां काम कर रहे हैं.

मक्का का उत्पादन लगभग दस लाख टन और उत्पादकता लगभग 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

      One News Live
Post By kiran kumari
 bihar राज्य में कृषि रोडमैप की शुरुआत के बाद से बिहार को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। पिछले साल मक्का उत्पादन में राज्य को यह पुरस्कार मिला था। उम्मीद है कि इस बार भी सरकार मक्का में ही इस पुरस्कार का दावा करेगी। यह पुरस्कार देशस्तर पर उत्पादन में सबसे अधिक उछाल वाले अनाज को मिलता है। 

खास बात यह है कि अनाज उत्पादन में यह वृद्धि खेती का रकबा बढ़ने से बल्कि फसलों की उत्पादकता बढ़ने से हुई है। मक्का का उत्पादन बढ़ा है तो इसकी उत्पादकता में भी काफी वृद्धि हुई है। धान में किसान पिछला रिकार्ड नहीं तोड सके इसका मुख्य कारण है कि इसकी उत्पादकता में वृद्धि नहीं हुई है। धान की उत्पादकता 20016-17 में 24.67 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही तो यह 2012-13 में यह 25.23 क्विंटल प्रति हेक्टयर थी। लेकिन गेहूं की उत्पादकता 22.44 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 28.43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है।
मक्का में उत्पादन बढ़ने का मुख्य कारण है कि राज्य सरकार ने नये क्षेत्रों में इसका उत्पादन शुरू किया है। लेकिन दाल की उत्पादकता और उत्पादन दोनों में वृद्धि में योगदान सरकार की योजनाएं और किसानों की मेहनत का है।
पहले मक्का की खेती केवल उत्तर बिहार और पूर्व बिहार के कुछ इलाके में होती थी। लेकिन, पिछले दो साल से सरकार ने दक्षिण बिहार के कुछ क्षेत्रों में इसकी खेती का नया प्रयोग शुरू किया है। सरकार का यह प्रयोग सफल रहा और 20 हजार एकड़ खेती का रकबा बढ़ा तो मक्का का उत्पादन लगभग दस लाख टन और उत्पादकता लगभग 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बढ़ गई।
नया रिकॉर्ड

185.61 लाख टन अनाज का हुआ उत्पादन
178.29 लाख टन उत्पादन का था पुराना रिकॉर्ड
28.43  क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई  गेहूं की उत्पादकता
53.53 क्विंटल प्रति हेक्टयर हो गई मक्के की उत्पादकता

अनाज उत्पादन में बिहार ने नया रिकार्ड बना दिया है। राज्य के किसानों ने पांच साल पहले के अपने ही रिकार्ड को तोड़ा है। खास बात यह है कि इस नये रिकार्ड में सबसे अधिक योगदान मक्के का है। साथ ही पूरे देश में जहां दाल की कमी है वहीं, बिहार में इसका भी उत्पादन  बढ़ा है। लिहाजा बिहार एक बार फिर से कृषि कर्मण पुरस्कार का दावा कर सकता है। 

राज्य में फसल कटनी रिपोर्ट शुक्रवार को जारी हो गई। इसके अनुसार राज्य में 2016-17 में 185.61 लाख टन अनाज का उत्पादन हुआ है। यह 2012-13 के पुराने रिकार्ड लगभग सात लाख टन अधिक है। उस साल 178.29 लाख टन अनाज का उत्पादन हुआ था। इस प्रकार राज्य सरकार की योजनाओं की मदद से किसानों ने सूखा और बाढ़ के बावजूद राज्य को अनाज के मामले में सरप्लस स्टेट बना दिया। इसी के साथ दाल के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। इस बार दाल का उत्पादन 4.62 लाख टन हुआ है, जो पिछले दो सालों के उत्पादन से लगभग 50 हजार टन अधिक है।
राज्य में कृषि रोडमैप की शुरुआत के बाद से बिहार को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। पिछले साल मक्का उत्पादन में राज्य को यह पुरस्कार मिला था।

जाने आज का महत्वपूर्ण इतिहास:17 नवम्बर 

                    जाने आज का महत्वपूर्ण इतिहास:

                                     17 नवम्बर 

संकलन : राम बालक राय   वन न्यूज़ लाइव डॉट कॉम      

 

   1896

स्वामी सत्यानन्द गिरि का जन्म 17 नवम्बर 1896 को हुआ । आप भारत के एक साधु तथा युक्तेश्वर गिरि के मुख्य शिष्य थे।

1920

तमिल अभिनेता जेमिनी गणेशन का जन्म 17 नवम्बर 1920 को हुआ । जेमिनी गणेशन को फिल्मों में रोमांटिक भूमिकाएं निभाने के लिए तमिल सिनेमा जगत में उन्हें “कादल मन्नान”(रोमांस का देवता) का उपनाम दिया गया था।

1922

पूर्व तुर्क सुल्तान महमूद छः को इटली में निर्वासित जीवन बिताने के लिए छोड़ दिया गया।

1928

लाला लाजपत राय की मृत्यु 17 नवम्बर 1928 को हुई । आप भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें “पंजाब केसरी” भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्तत: 17 नवम्बर सन् 1928 को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी।

1931

हरप्रसाद शास्त्री का निधन 17 नवम्बर 1931 को हुआ । आप भारत के एक शिक्षाशास्त्री, संस्कृत के विद्वान तथा बांग्ला साहित्य के इतिहासकार थे। उन्हें ‘हरप्रसाद भट्टाचार्य’ के नाम से भी जाना जाता है। वे चर्यापद की खोज के लिये प्रसिद्ध हैं, जो बंगला साहित्य का सबसे प्राचीन उदाहरण है।

1932

तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आरम्भ 17 नवम्बर 1932 को हुआ था इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था। तीनों सम्मेलनों के दौरान इंग्लैण्ड का प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड था।इस सम्मेलन के समय भारत के सचिव सेमुअल होर थे।सम्मेलन मे भाग लेने वाले सदस्यों की कुल संख्या 46 थी।

1939

हुकुमदेव नारायण यादव का जन्म 17 नवम्बर, 1939 को हुआ । आप भारत की 16वीं लोकसभा के सदस्य, भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा किसानों के पक्षधर नेता हैं। वे मधुबनी से लोकसभा सदस्य हैं।

1943

राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (गंगानाथ झा कैम्पस) एक तुल्य विश्वविद्यालय है। यह 1943 से 1971 तक‘गंगानाथ झा अनुसंधान संस्थान’ के नाम से तथा 1971 से 2002 तक ‘गंगानाथ झा केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ’ के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 17 नवम्बर 1943 को डॉ गंगानाथ झा के नाम एवं कार्यों को अमर बनाने के लिए किया गया था।

1952

1947 में जब भारत स्वतन्त्र हुआ था तब महाराजा हरि सिंह कश्मीर के शासक थे। तकनीकी रूप से वे 17 नवम्बर 1952 तक महाराज रहे 

1955

भाखड़ा नांगल परियोजना भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। इसकी आधार शिला 17 नवम्बर, 1955 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी तथा निर्माण अमेरिकी बॉध निर्माता हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में अक्टूबर,1962 में पूर्ण हुआ।

1960

अलका सरावगी का जन्म 17 नवम्बर,1960 को कोलकाता मे हुआ था। ये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) में जन्मी अलका ने हिन्दी साहित्य में एम.ए. और‘रघुवीर सहाय के कृतित्व‘ विषय पर पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की है। “कलिकथा वाया बाइपास” उनका चर्चित उपन्यास है, जो अनेक भाषाओं में अनुदित हो चुके हैं।

1961

चन्दा कोचर का जन्म 17 नवम्बर 1961 मे राजस्थान के जयपुर मे हुआ।आप इस समय आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी ऑफिसर (सीईओ) एवं प्रबन्ध निदेशक (एम डी) हैं।

1971

माइकल एडम्स क जन्म जो की एक ब्रिटिश शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं।

1982

इरफ़ान पठान का जन्म । इरफ़ान पठान एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो बाएं हाथ से गेंदबाजी और बाएं ही हाथ से बल्लेबाजी करते है। ये मुख्य रूप से तो गेंदबाज है लेकिन ये हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची में आते है।

2010

महावीर शर्मा की मृत्यु 17 नवम्बर 2010 को हुआ था वे अप्रवासी हिंदी लेखक थे, जिन्होंने ब्रिटेन को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया तथा लंदन यूनिवर्सिटी तथा ब्राइटन यूनिवर्सिटी में मॉडर्न गणित, ऑडियो विज़ुअल एड्स तथा स्टटिस्टिक्स की शिक्षा ली। उन्होंने उर्दू भी पढ़ी थी और वे कुशल गजलकार के रूप में भी जाने जाते थे।

2012

बाला साहब केशव ठाकरे का निधन 17 नवम्बर 2012 को हुआ । आप भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने “शिव सेना” के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब भी कहते थे। वे मराठी में “सामना” नामक अखबार निकालते थे। इस अखबार में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पूर्व अपने सम्पादकीय में लिखा था-“आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है किन्तु मेरे देश की हालत मुझसे अधिक चिन्ताजनक है; ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूँ?”

2012

पॉण्टी चड्ढा जिसका असली नाम गुरदीप सिंह चड्ढा था की मृत्यु 17 नवम्बर 2012 को नई दिल्ली में छतरपुर क्षेत्र में अपने स्वयं के खेत पर एक हिंसक शूट आउट में हुआ । चड्ढा लोकप्रिय शराब व्यापारी था। वह कंपनी वेव इंक का सह-स्वामित्व भी था।

2013

मोहम्मद जमील मालदीव के वर्तमान उप-राष्ट्रपति हैं। 17 नवम्बर 2013 को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के अधीन उन्होंने इस पद की शपथ ग्रहण की।

2013

ओमप्रकाश वाल्मीकि का निधन 17 नवम्बर 2013 को हुआ । आप वर्तमान दलित साहित्य के प्रतिनिधि रचनाकारों में से एक हैं। हिंदी में दलित साहित्य के विकास में ओमप्रकाश वाल्मीकि की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

 

 

1920

तमिल अभिनेता जेमिनी गणेशन का जन्म 17 नवम्बर 1920 को हुआ । जेमिनी गणेशन को फिल्मों में रोमांटिक भूमिकाएं निभाने के लिए तमिल सिनेमा जगत में उन्हें “कादल मन्नान”(रोमांस का देवता) का उपनाम दिया गया था।

1922

पूर्व तुर्क सुल्तान महमूद छः को इटली में निर्वासित जीवन बिताने के लिए छोड़ दिया गया।

1928

लाला लाजपत राय की मृत्यु 17 नवम्बर 1928 को हुई । आप भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें “पंजाब केसरी” भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्तत: 17 नवम्बर सन् 1928 को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी।

1931

हरप्रसाद शास्त्री का निधन 17 नवम्बर 1931 को हुआ । आप भारत के एक शिक्षाशास्त्री, संस्कृत के विद्वान तथा बांग्ला साहित्य के इतिहासकार थे। उन्हें ‘हरप्रसाद भट्टाचार्य’ के नाम से भी जाना जाता है। वे चर्यापद की खोज के लिये प्रसिद्ध हैं, जो बंगला साहित्य का सबसे प्राचीन उदाहरण है।

1932

तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आरम्भ 17 नवम्बर 1932 को हुआ था इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था। तीनों सम्मेलनों के दौरान इंग्लैण्ड का प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड था।इस सम्मेलन के समय भारत के सचिव सेमुअल होर थे।सम्मेलन मे भाग लेने वाले सदस्यों की कुल संख्या 46 थी।

1939

हुकुमदेव नारायण यादव का जन्म 17 नवम्बर, 1939 को हुआ । आप भारत की 16वीं लोकसभा के सदस्य, भारतीय जनता पार्टी के सदस्य तथा किसानों के पक्षधर नेता हैं। वे मधुबनी से लोकसभा सदस्य हैं।

1943

राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (गंगानाथ झा कैम्पस) एक तुल्य विश्वविद्यालय है। यह 1943 से 1971 तक‘गंगानाथ झा अनुसंधान संस्थान’ के नाम से तथा 1971 से 2002 तक ‘गंगानाथ झा केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ’ के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 17 नवम्बर 1943 को डॉ गंगानाथ झा के नाम एवं कार्यों को अमर बनाने के लिए किया गया था।

1952

1947 में जब भारत स्वतन्त्र हुआ था तब महाराजा हरि सिंह कश्मीर के शासक थे। तकनीकी रूप से वे 17 नवम्बर 1952 तक महाराज रहे 

1955

भाखड़ा नांगल परियोजना भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। इसकी आधार शिला 17 नवम्बर, 1955 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी तथा निर्माण अमेरिकी बॉध निर्माता हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में अक्टूबर,1962 में पूर्ण हुआ।

1960

अलका सरावगी का जन्म 17 नवम्बर,1960 को कोलकाता मे हुआ था। ये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) में जन्मी अलका ने हिन्दी साहित्य में एम.ए. और‘रघुवीर सहाय के कृतित्व‘ विषय पर पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की है। “कलिकथा वाया बाइपास” उनका चर्चित उपन्यास है, जो अनेक भाषाओं में अनुदित हो चुके हैं।

1961

चन्दा कोचर का जन्म 17 नवम्बर 1961 मे राजस्थान के जयपुर मे हुआ।आप इस समय आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी ऑफिसर (सीईओ) एवं प्रबन्ध निदेशक (एम डी) हैं।

1971

माइकल एडम्स क जन्म जो की एक ब्रिटिश शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं।

1982

इरफ़ान पठान का जन्म । इरफ़ान पठान एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो बाएं हाथ से गेंदबाजी और बाएं ही हाथ से बल्लेबाजी करते है। ये मुख्य रूप से तो गेंदबाज है लेकिन ये हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची में आते है।

      2010

       

महावीर शर्मा की मृत्यु 17 नवम्बर 2010 को हुआ था वे अप्रवासी हिंदी लेखक थे, जिन्होंने ब्रिटेन को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। उन्होंने हिंदी में एम.ए. किया तथा लंदन यूनिवर्सिटी तथा ब्राइटन यूनिवर्सिटी में मॉडर्न गणित, ऑडियो विज़ुअल एड्स तथा स्टटिस्टिक्स की शिक्षा ली। उन्होंने उर्दू भी पढ़ी थी और वे कुशल गजलकार के रूप में भी जाने जाते थे।

2012

बाला साहब केशव ठाकरे का निधन 17 नवम्बर 2012 को हुआ । आप भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने “शिव सेना” के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब भी कहते थे। वे मराठी में “सामना” नामक अखबार निकालते थे। इस अखबार में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पूर्व अपने सम्पादकीय में लिखा था-“आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है किन्तु मेरे देश की हालत मुझसे अधिक चिन्ताजनक है; ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूँ?”

2012

पॉण्टी चड्ढा जिसका असली नाम गुरदीप सिंह चड्ढा था की मृत्यु 17 नवम्बर 2012 को नई दिल्ली में छतरपुर क्षेत्र में अपने स्वयं के खेत पर एक हिंसक शूट आउट में हुआ । चड्ढा लोकप्रिय शराब व्यापारी था। वह कंपनी वेव इंक का सह-स्वामित्व भी था।

2013

मोहम्मद जमील मालदीव के वर्तमान उप-राष्ट्रपति हैं। 17 नवम्बर 2013 को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के अधीन उन्होंने इस पद की शपथ ग्रहण की।

2013

ओमप्रकाश वाल्मीकि का निधन 17 नवम्बर 2013 को हुआ । आप वर्तमान दलित साहित्य के प्रतिनिधि रचनाकारों में से एक हैं। हिंदी में दलित साहित्य के विकास में ओमप्रकाश वाल्मीकि की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

खुशखबरी: बिहार के पंचायतों को मिलेगी 6 महीने फ्री ब्रॉड बैंड सेवा

   खुशखबरी: बिहार के पंचायतों को मिलेगी 6 महीने फ्री ब्रॉड बैंड सेवा
खुशखबरी: बिहार के पंचायतों को मिलेगी 6 महीने फ्री ब्रॉड बैंड सेवा
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Neha
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार की 6105 ग्राम पंचायतों को शुरुआती छह महीने तक फ्री ब्रॉड बैंड इंटरनेट की सेवा दी जाएगी।

बिहार की 6105 ग्राम पंचायतों को शुरुआती छह महीने तक डिजिटल इंडिया के अंतर्गत भारत नेट द्वारा फ्री ब्रॉड बैंड इंटरनेट की सेवा दी जाएगी। उसके बाद देश की दूरसंचार क्षेत्र की चार बड़ी कंपनियां- वोडाफोन, एयरटेल, जियो और बीएसएनएल 75 प्रतिशत सस्ती दर पर ग्रामीणों को ब्रॉड बैंड सेवा उपलब्ध कराएंगी।

दूरसंचार मंत्रालय की ओर से दिल्ली के विज्ञान भवन में सभी राज्यों के सूचना प्रौद्योगिक मंत्रियों की बैठक में सोमवार को यह भी तय किया गया कि पंचायतों के अंतर्गत 5-6 वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किए जाएंगे, ताकि सभी ग्रामीणों को इंटरनेट की सुविधा मिल सके। यह जानकारी बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक ट्वीट के जरिए दी है।

 

संचार मंत्री मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय किया गया कि मार्च 2019 तक बिहार के 180 प्रखंडों की शेष बचे 2692 पंचायतों में ब्रॉड बैंड सेवा उपलब्ध करा दी जाएगी। केंद्र सरकार जल्द ही टेंडर निकाल कर निजी क्षेत्र के सर्विस प्रोवाइडर को बिहार में दूसरे चरण का ऑप्टिकल फाइवर बिछाने का काम सौंपेगी