भारत में संकटग्रस्त बहुमूल्य औषधीय वनस्पति सर्पगंधा
-डॉ0 अरविन्द सिंह
भारतीय चिकित्सा विज्ञान के प्राचीन ग्रंथों में सर्पगंधा का औषधीय गुणों के कारण खुब गुणगान किया गया है। सर्पदंश तथा कीटदंश के उपचार में इसे अत्यन्त ही लाभकारी बताया गया है। सर्पगंधा का वानस्पतिक नाम रावोल्फिया सर्पेन्टीना (Rauvolfia serpentina) है। यह पुष्पीय पौधों के द्विबीजपत्रीय कुल एपोसाइनेसी (Apocynaceae) का सदस्य है। अंग्रेजी में इसे सर्पेन्टीन (Serpentine) तथा स्नेक रूट (Snake root) नामों से जाना जाता है। सर्पगंधा इसका संस्कृत नाम है जबकि हिन्दी में इसके अनेक नाम जैसे- छोटा चाँद, धवलबरूआ, नकुलकन्द, नाकुलीकन्द, हरकाई चन्द्रा, रास्नाभेद हैं। उड़िया में इसे ब्रनेरा, धनवरूआ, सनोचाडो, बंगला में नाकुली, गन्धरास्ना, तेलगू में पाताअगन्धि, मलयालम में चुवन्ना अविकपोरी तथा फारसी में छोटा चान्दा नाम से जाना जाता है।
भारत में घटती जनसंख्या के कारण अन्तर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन संघ (International Union for Conservation of Nature and Natural Resources) ने सर्पगंधा
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